मोबाइल की लत लेखनी प्रतियोगिता -01-Feb-2024
शीर्षक:-मोबाइल की लत
हम सभी यह अच्छी तरह जानते हैं कि मोबाइल की लत बुरी ही नहीं अपितु बहुत हानिकारक भी होती है। लेकिन इस लत से बिरला ही अछूता होगा। भारत में आज क्या बच्चा क्या जवान और क्या बुजुर्ग सभी इसकी गिरफ्त में आचुके हैं।
आजकल एक चलन और है कि छोटे से छोटा बच्चा मोबाइल के बिना खाना नहीं खाता है।
आजकल की माताऐं भी अपनी परेशानी से बचने के लिए अपने बच्चौ के हाथ में यह खतरनाक खिलौना पकड़ा देती हैं। इसी पर आज की छोटी सी ब्यंगात्मक कहानी:-
" सोनू की मम्मी सुनती हो?" ,राम प्रसाद ने अपनी पत्नी उर्मिला को आवाज दी।
" क्या हुआ तुम्हें जो इतना शोर मचा रहे हो?" मोबाइल देखते हुए उर्मिला बोली।
"मेरी छाती में दर्द होरहा है ? मुझे बाम चाहिए थी वह कहाँ रखी है?" राम प्रसाद कराहते हुए बोले।
"तुम्हारे पास वाली अलमीरा में रखी है , ऐसा क्या हुआ? कभी तो चैन से एक घड़ी मोबाइल देखने दे लिया करो?" इतना कहकर उर्मिला बड़बड़ाने लगी " इस बुड्ढे को ना जाने कब चैन आयेगा?"
जब राम प्रसाद का दर्द असहनीय होगया तब वह बेटे के कमरे में गये और बेटे को आवाज लगाई लेकिन न बेटे ने और न बहू ने दरवाजा खोला।
राम प्रसाद ने अपने स्कूटर की चाबी उठाई और बाहर जाने लगे तब उर्मिला ने पूछा," आप कहाँ जारहे हो?" इतना कहकर वह पुनः मोबाइल देखने लगी।
" डॉक्टर के पास जारहा हूँ क्योंकि मेरा दर्द बढ़ता ही जारहा है।" यह बताकर वह कमरे से बाहर निकल गये लेकिन उर्मिला ने यह भी नहीं पूछने की कोशिश कि आप अकेले क्यौ जारहे हो बेटे को साथ लेजाओ। अपितु वह बोली," स्कूटर सावधानी पूर्वक चलाना, ज्यादा तेज मत चलाना?"
राम प्रसाद ने स्कूटर बाहर निकालकर उसमें किक मारना आरम्भ किया लेकिन स्कूटर स्टार्ट ही नहीं होरहा था । राम प्रसाद का वदन पसीने से तर-बतर होगया।
यह सब रामदेव माली देख रहा था। रामदेव दौड़कर आया और मालिक की बुरी हालत देखकर बोला," बाबूजी आप हटो हम अभी चालू करत है आप कहाँ जाबत हैं आपका वदनवा तो पसीने से भीग गया है? शायद आपकी तबियत ठीक नही है। मै सोनू भैया को बुलाबत हूँ ?"
"नहीं रामू तू इसे चालू करदे मैं अपने आप चला जाऊँगा।" राम प्रसाद ने उसका हाथ पकड़कर कर कहा।
राम प्रसाद सब समझ गया और उसने स्कूटर चालू किया और बोला," बाबूजी आप बैठो हम आपको हस्पताल लेकर जात हैं आप डरना मत । यह तो स्कूटर है हम तो गाड़ी में फुर फुर दौड़ा लेत हैं।"
रामदेव की बात सुनकर राम प्रसाद स्कूटर के पीछे बैठ गये और राम देव ने कुछ ही देर में उनको हस्पताल पहुँचा दिया और जल्द-से-जल्द डाक्टर के केविन में लेकर गया।
डाक्टर ने जब राम प्रसाद का चैक अप किया तब पाया कि उनको हार्ट अटेक आया था। डाॅक्टर ने उनको एडमिट करने के लिए एक फार्म भरा। जब फार्म पर हस्ताक्षर करने के लिए डाक्टर ने रामदेव से कहा।
तब रामदेव बोला," साहब हम यह कैसे कर सकत हैं ? यह तो सोनू भैया ही कर सकत है मै तो केवल एक नौकर हूँ। और नौकर ऐसा कैसे कर सकत है?"
"रामू तू भी मेरा दूसरा बेटा ही है यदि आज तू नही आता तब मैं वही गिर जाता। मुझे इतना बीमार देखकर बेटा बहू यहाँ तक कि पत्नी ये सभी अपने अपने मोबाइल में मस्त थे। अब तू अपने हस्ताक्षर करके अपनी ड्यूटी पूरी कर।", राम प्रसाद ने रामू को समझाया।
रामदेव ने अपने मालिक की बात मानकर उस फार्म पर हस्ताक्षर कर दिए।
जब यह खबर राम प्रसाद के बेटे बहू व पत्नी को मिली तब वह सभी अस्पताल पहुंच गये और डाक्टर से उनका हाल पूछा।
डाक्टर साहब बोले," मिस्टर यदि इनको समय रहते अस्पताल न लाया जाता तो आज बहुत बड़ा हादसा हो सकता था। आप सभी को अपने नौकर का धन्यवाद करना चाहिए। आज यह इस नौकरके कारण सांस ले रहे हैं।"
डाक्टर की बात सुनकर बेटा बहू व पत्नी की नजर शर्म से नीचे झुक गई उनके पास राम प्रसाद से मांफी मांगने के अलावा अन्य कोई रास्ता नहीं था। उनकी पत्नी की आँखौ में आँसू आगये। वह मन ही मन रामू का शुक्रिया अदा करने लगी। उनका दिल कर रहा था कि रामू को सीने से लगाकर प्यार करलैं।
उन तीनौ ने रामू का धन्यवाद किया और अपने बाबूजी से माँफी मांग कर उनके श्रीचरणौ में गिर गये और कसम खाई कि भविष्य में इस मोबाइल की बुरी लत को छोड़ने की पूरी कोशिश करेंगे।
आज की दैनिक प्रतियोगिता हेतु ।
नरेश शर्मा " पचौरी "
Shnaya
07-Feb-2024 07:53 PM
Nice one
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Gunjan Kamal
02-Feb-2024 03:47 PM
👏👌
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Punam verma
02-Feb-2024 09:21 AM
Nice👍
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